IC ENGINE KYA HOTA HAI IN HINDI
IC ENGINE ('internal combution ) -' IC ENGINE को INTERNAL COMBUTION ENGINE कहते है internal combution मतलब इसमें FUEL और AIR के MIXTURE को cylender के अंदर जलाया जाता है ! और एनर्जी उत्पन्न की जाती है ! इस PROCESS में CYLENDER का TEMPRATURE और PRESSURE दोनों HIGH होता है !इसकीEFFICINCY
35 -40 % होती है !
वैसे IC ENGINE को बनाने में बहोत वैगयानिको ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया , मगर एक सफल IC ENGINE बनाने का श्रेय ETIENNE LENOIR को जाता है ! जिनके अथक प्रयासों से सन 1859 में इसकी सफल नीव रखी गयी थी ! जिसे सन 1876 में MODIFY करके MODERN INTERNAL COMBUTION ENGINE को NIKOLAUS OTTO ने पेश किया !
IC ENGINE को BASSICALLY 2 भागो में बाटा गया है -
1 - SI ENGINE ( SPARK IGNITION ENGINE ) OR PETROL ENGINE
2 - CI ENGINE ( COMRESSION IGNITION ) OR DISEAL ENGINE
दोनों ENGINE की CYCLE BASSICALLY 4 STAGE ( चरणों ) में संपन्न होती है !
1 - SUCTION STROKE
2 - COMPRESSION STROKE
3 - EXPANTION STROKE
4 - EXHAUST STROKE
ENGINE के बिभिन्न उपयोगी पार्ट्स होते होते है जिनकी सहायता से यह चारो PROCESS COMPLETE होती है !
a - CYLINDER
b - PISTON
c - CONNECTING ROD
d - CRANCK SHAFT
e - INLET & O UTLET VALVE
f - PISTON RING
1 - SUCTION STROKE - यह engine का पहला चरण होता है होता है ! जिसमे PETROL ENGINE में AIR और FUEL ( PETROL ) के मिश्रण को एक निश्चित अनुपात में CYLENDER के
अंदर INLET VALVE के माध्यम से डाला जाता है ! और यही SUCTION STROKE को DISEAL
ENGINE में केवल AIR को AIR FILTER के माद्यम से INLET VALVE से अंदर CYLINDER
में डाला जाता है !
2 - COMPRESSION STROKE - यह ENGINE का दूसरा चरण होता है ! इसमें SUCTION
STROKE से आये AIR & FUEL MIXTURE मिश्रण को COMPRESSED किया जाता है ! जिससे
उसका एयर और फ्यूल मिश्रण का PRESSURE और TEMPRATURE दोनों बढ़ जाता है ! जिससे
उसे BURN करने में आसानी होती है ! जिससे वह COMPRESSED MIXTURE अपने BURNING
TEMPRATURE तक पहोच जाता है !
3 - EXPANSSION OR WORKING STROKE --यह ENGINE का तीसरा चरण होता है ! जिसमे
COPMRESSED किये गए AIR FUEL MIXTURE को पेट्रोल ENGINE में SPARK PLUG की
सहायता से जलाया जाता है ! जिससे मिश्रण के जलने से तुरंत तीव्र PRESSURE उत्पन्न होता है ! इस
HIGH PRESSURE कारन PISTON तेज़ी से आगे की ओर बढ़ता है और CRANCK SHAFT
को PUSH करके घूमाता है !
4 - EXHAUST STROKE --यह इंजन का चौथा और अंतिम STROKE होता है ! इस STROKE
में EXPANSION STROKE के बाद जो BURN GAS होती है ! उस UNUSED GAS को बाहर
CYLINDER के निका ला जाता है ! जिससे NEXT EXPANSSION PROCESS हो सके ! इस
UNUSED गैसों को सिलिंडर के बहार निकलने की क्रिया को SCAVENGING भी कहते है !
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